JAANI NEW LOVE AND 2 LINE SHAYARI
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दिल को छु जाने वाली शायरी आपको मिल रही हैं जानी के अल्फाज में
किसी के जख़्म तो किसी के ग़म का इलाज़,
लोगों ने बाँट रखा है मुझे दवा की तरह।
लोगों ने बाँट रखा है मुझे दवा की तरह।
किन लफ्जों में लिखूँ मैं अपने इन्तजार को तुम्हें,
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूँढता है खामोशी से तुझे।
बेजुबां है इश्क़ मेरा ढूँढता है खामोशी से तुझे।
उससे कह दो कि
मेरी सज़ा कुछ कम कर दे,
हम पेशे से मुज़रिम नहीं हैं
बस गलती से इश्क हुआ था ।
मेरी सज़ा कुछ कम कर दे,
हम पेशे से मुज़रिम नहीं हैं
बस गलती से इश्क हुआ था ।
कौन डूबेगा किसे पार उतरना है
फ़ैसला वक़्त के दरिया में उतर कर होगा।
फ़ैसला वक़्त के दरिया में उतर कर होगा।
सो जा ऐ दिल आज धुंध बहुत है... तेरे शहर में
अपने दिखते नहीं और जो दिखते है वो अपने नहीं।
हर मर्ज़ का इलाज़ मिलता था उस बाज़ार में,
मोहब्बत का नाम लिया दवाख़ाने बन्द हो गये।
मोहब्बत का नाम लिया दवाख़ाने बन्द हो गये।
मुझसे नहीं कटती अब ये उदास रातें,
कल सूरज से कहूँगा मुझे साथ लेकर डूबे।
कल सूरज से कहूँगा मुझे साथ लेकर डूबे।
उसी से पूछ लो उसके इश्क की कीमत,
हम तो बस भरोसे पे बिक गए।
हम तो बस भरोसे पे बिक गए।
चूम लेता हूँ हर मुश्किल को अपना मान कर मैं,
क्यूँकि ज़िन्दगी कैसी भी है... है तो मेरी ही।
क्यूँकि ज़िन्दगी कैसी भी है... है तो मेरी ही।
तेरे लिए कभी इस दिल ने बुरा नहीं चाहा,
ये और बात हैं कि मुझे ये साबित करना नहीं आया ।
ये और बात हैं कि मुझे ये साबित करना नहीं आया ।
कमाल का जिगर रखते है कुछ लोग,
दर्द पढ़ते है और आह तक नहीं करते।
दर्द पढ़ते है और आह तक नहीं करते।
ना मैं शायर हूँ ना मेरा शायरी से कोई वास्ता,
बस शौक बन गया है, तेरे जलवों को बयान करना।
बस शौक बन गया है, तेरे जलवों को बयान करना।
मुस्कुरा देता हूँ अक्सर देखकर पुराने खत तेरे,
तू झूठ भी कितनी ईमानदारी से लिखती थी।
तू झूठ भी कितनी ईमानदारी से लिखती थी।
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए,
तू आज भी बेखबर है कल की तरह।
तू आज भी बेखबर है कल की तरह।
तेरी गली में आकर के खो गये हैं दोंनो,
मैं दिल को ढ़ूँढ़ता हुँ दिल तुमको ढ़ूँढ़ता है।
मैं दिल को ढ़ूँढ़ता हुँ दिल तुमको ढ़ूँढ़ता है।


















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