Jaani Di Shayari
दोस्तों इसी प्रकार की शायरी के लिए हमारे ब्लॉग में आते रहिये !
दोस्तों इसी प्रकार की शायरी के लिए हमारे ब्लॉग में आते रहिये !
खामोशियों से मिल रहे ,खामोशियों के जवाब
अब कैसे कहुं कि उनसे मेरी बात नही होती ।
कड़ी धूप मे चलता हूँ इस यकीन के साथ ,
में जालूंगा तो मेरे घर में उजाला होगा ।
ऐसा नही की आपकी याद आती नही
ख़ता सिर्फ़ इतनी है के हम बताते नही
लोग कहते है की
बिना मेहनत कुछ पा नही सकते
ना जाने ये गम
पाने के लिये कौन सी महेनत कर ली हमने
अक्सर दिखावे का प्यार ही शोर करता है
सच्ची मोहब्बत तो इशारों में ही सिमट जाती
है
कुछ रिश्तों को मुलाकातों की जरुरत नहीं होती
दिल से ही याद करो वो निखर आया करतें हैं
बेशक नजरों से दूर हो
पर
तुम मेरे सबसे करीब हो
मेरी मुस्कराहट को हकीकत ना समझ ऐ दोस्त
दिल में झांक कर देख कितने उदास हैं हम
अगर नींद आ जाये तो सो भी लिया करो
यूँ रातों को जागने से मोहब्बत लौटा नहीं
करती
अब न खोलो मेरे घर के उदास दरवाज़े
हवा का शोर मेरी उलझनें बढ़ा देता है
खामोशियां बोल देती है जिनकी बाते नहीं होती
इश्क वो भी करते हैं जिनकी मुलाकाते नहीं
होती
आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते
पर वो तारा नहीं टूटता जिसे देखकर तुम्हें
मांग लूँ
अब क्या लिखूं तेरी तारीफ में मेरे हमदम,
अलफ़ाज़ कम पड़ जाते है तेरी मासूमियत देखकर।
हाय ये नज़ाकत ये शोखियाँ ये तकल्लुफ़, ये हुस्न,
कहीं तू मेरी शायरी का कोई हसीन लफ्ज़ तो नहीं।
अगर मिलती मुझे दो दिन की बादशाही ,
तो मेरी रियासत में तेरी तस्वीर के सिक्के
चलते !
क्या लिखूँ तेरी सूरत – ए – तारीफ मेँ , मेरे हमदम
,
अल्फाज खत्म हो गये हैँ, तेरी अदाएँ देख-देख के !
एक लाइन में क्या तेरी तारीफ़ लिखू,
पानी भी जो देखे तुझे तो प्यासा हो जाये !
सुर्ख फूलों से महक उठती हैं दिल की राहें,
दिन ढले यूँ तेरी आवाज़ बुलाती है हमें;
जिन्दगी जब भी तेरी बज़्म में लाती है
हमें,
ये ज़मीं चाँद से बेहतर नज़र आती है हमें !








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